रेपो रेट RBI का वह दर है जिस पर वह कमर्सिअल बैंक को कम समय के लिये ऋण देते है| कमर्सिअल बैंक अपने ट्रेसरी बिल को RBI के पास कुछ समय के लिये इनकैश करवाने आते हैं जयादा तर यह समय एक दिन से लेकर १४ दिन का होता है|
समय पूरा हो जाने के बाद ये अपने बिल को वापस ले लेते हैं|
समय पूरा हो जाने के बाद ये अपने बिल को वापस ले लेते हैं|
अगर यह रेट जयादा होगा तो बैंकों को कम समय में ही जायदा इंटरेस्ट चुकाना होगा जिससे उन्हें कम समय में ही जायदा नुकसान होगा और वे अपने बिल्स को RBI से कैश करवाने से कतरायेंगे और इस तरह उनके पास कैश के कमी होगी और इस तरह से RBI मुद्रा के प्रवाह को बाजार में कम या जायदा कर सकता है
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